शनिवार, 19 नवंबर 2011

उपवास

भारत में लगभग हर दिन उपवास का रहता है ज्यादातर उपवास लोगों द्वारा किये भी जाते है. पर जिस प्रकार के उपवास प्रचलित है वो स्वास्थ्य पर बुरा असर ही डालते है प्राकृतिक चिकित्सा में भी उपवास कराये जाते है जिसका तरीका इस प्रकार है :-
जिस दिन उपवास करना हो उसके एक दिन पूर्व रात्रि में हल्का भोजन ले यदि केवल फल ले तो और अच्छा होगा. लम्बे उपवासों में उपवास ख़त्म करने में विशेष ध्यान रखना पड़ता है. अन्यथा स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पता है. बेहतर हो कि पहली बार लम्बे उपवास किसी जानकार के देखरख में किया जाये. उपवास कई  तरीको से किया जा सकता है
१. केवल पानी पर उपवास - इसमे दिनभर में ८-१० गिलास पानी पिया जाता है पानी के अलावा कुछ और नहीं लिया जाता है अगर एक से अधिक दिन के लिए उपवास करना हो तो एनिमा लेना जरुरी हो जाता है.

२.फलो के रस पर उपवास- ये उपवास भी पानी के उपवास जैसा ही है बस इसमे पानी की जगह फलो का रस लेते है.
३.फल का उपवास-  इस उपवास में हम  कोई एक फल ले सकते है .
४. नीबू-पानी का उपवास - इस उपवास में एक गिलास पानी में आधा नीबू का रस  लिया जाता है अगर शहद मिला ले तो ज्यादा अच्छा होगा. ये उपवास अपनी शक्ति के अनुसार कई दिनों तक किया जा सकता है.
५. एकासना - इस उपवास में एक वक़्त ही भोजन किया जाता है बेहतर होगा कि दुसरे वक़्त फल या रस ही लिया जाये.
उपवास से फायदे अगली बार .

रविवार, 1 मई 2011

असली शहद जांचने का तरीका


 १. रुई की बत्ती बनाकर उसको शहद में डुबो कर आग पर जलाये. अगर जलने पर तड-तड आवाज आती है तो समझिये शहद में मिलावट है. शुद्ध शहद होने पर कोई आवाज नहीं आती है. 

 २. एक कांच के गिलास में पानी ले और शहद  डाले. अगर शहद बिना घुले नीचे तक पहुच जाता है तो शहद शुद्ध है. अशुद्ध शहद नीचे पहुँचने  से पहले ही घुलने लगेगा.